पंडित जन काठ के ठाकुर लेकर आए और गुरु रविदास जी पत्थर की शिला को उठा लाए जिस पत्थर पर वे अपना दैनिक कार्य किया
करते थे।
पंडित जन काठ के ठाकुर लेकर आए और गुरु रविदास जी पत्थर की शिला को उठा लाए जिस पत्थर पर वे अपना दैनिक कार्य कियाकरते थे।
जब श्री गुरु रविदास जी ने अपने नेत्र खोले तो क्या देखा कि जल के ऊपर शिला रूप ठाकुर जी तैर रहे हैं। सतिगुरु रविदास जी प्रेम भाव से ठाकुर जी को जिस ओर बुलाते हैं उसी तरफ ठाकुर जी दर्शन देते हैं।
जब श्री गुरु रविदास जी ने अपने नेत्र खोले तो क्या देखा कि जल के ऊपर शिला रूप ठाकुर जी तैर रहे हैं। सतिगुरु रविदास जी प्रेम भाव से ठाकुर जी को जिस ओर बुलाते हैं उसी तरफ ठाकुर जी दर्शन देते हैं।