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Diwali 2024- Date and Information

Diwali – Friday, November 1st, 2024. As per Drikpanchang, the most auspicious timings are between 5:36 PM and 6:16 PM.

दिवाली(Diwali): प्रकाश और खुशियों का त्योहार

दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख और सबसे प्रिय त्योहार है। यह त्योहार भारत और विश्व के कई हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और इसे ‘प्रकाश का त्योहार’ भी कहा जाता है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ती है। यह त्योहार खुशियों, समृद्धि, और अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दिवाली(Diwali) का महत्व

दिवाली का त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखता है। हिंदू धर्म के अनुसार, यह त्योहार भगवान राम के अयोध्या लौटने और रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी में मनाया जाता है। वहीं, जैन धर्म में इसे महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। सिख धर्म में इसे गुरु हरगोबिंद जी की रिहाई की खुशी में मनाया जाता है। बौद्ध धर्म में भी इसे विशेष रूप से मनाया जाता है, जिसमें इसे ‘दीपावली’ या ‘लाइट फेस्टिवल’ के रूप में देखा जाता है।

दिवाली की परंपराएं और रीति-रिवाज

**1. *घर की सफाई और सजावट:*
दिवाली से पहले लोग अपने घरों की सफाई और सजावट करते हैं। घरों को रंग-बिरंगे बल्बों, दीयों, और रंगोली से सजाया जाता है। रंगोली का आकर्षक डिज़ाइन और दीपों की रोशनी घर के वातावरण को और भी खूबसूरत बना देती है।

**2. *पूजा और अर्चना:*
दिवाली के दिन, विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी, जो समृद्धि, धन, और खुशहाली की देवी हैं, की पूजा की जाती है। घर के हर कोने को साफ करके वहां दीपक और मोमबत्तियाँ रखी जाती हैं ताकि देवी लक्ष्मी घर में प्रवेश कर सकें और समृद्धि ला सकें।

**3. *मिठाइयाँ और पकवान:*
दिवाली पर विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ और पकवान बनाये जाते हैं, जैसे लड्डू, जलेबी, बर्फी, और चकली। परिवार और मित्रों के बीच मिठाइयाँ बांटी जाती हैं और खासतौर पर इस दिन स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया जाता है।

**4. *आतिशबाजी और पटाखे:*
दिवाली की रात को आतिशबाजी और पटाखों की धूमधाम होती है। आसमान में रंग-बिरंगे पटाखे और आतिशबाजी की चमक उत्सव के आनंद को दोगुना कर देती है। हालांकि, पर्यावरण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, कई लोग अब प्रदूषण रहित पटाखों का उपयोग करने लगे हैं।

**5. *उपहार और बधाई:*
इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को उपहार और बधाई भेजते हैं। यह उपहार आमतौर पर मिठाइयाँ, वस्त्र, या सजावटी सामान होते हैं। दिवाली पर अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना और खुशी साझा करना इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

आधुनिक युग में दिवाली

आधुनिक युग में दिवाली का त्योहार पारंपरिक उत्सव के साथ-साथ आधुनिकता का भी एक संगम है। लोग इस दिन सोशल मीडिया पर बधाई संदेश भेजते हैं, ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, और दिवाली की विशेष छूट का लाभ उठाते हैं। साथ ही, कई लोग अब पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और पटाखों का उपयोग कम करने या न करने का निर्णय लेते हैं।

समाज में दिवाली का प्रभाव

दिवाली समाज में खुशी, प्रेम, और एकता का संदेश देती है। यह त्योहार न केवल व्यक्तिगत जीवन में खुशियाँ लाता है, बल्कि समाज में भी सामुदायिक भावना और सहयोग को बढ़ावा देता है। लोग अपने पड़ोसियों, मित्रों और परिवार के साथ मिलकर इस उत्सव का आनंद लेते हैं, जिससे सामाजिक बंधन और भी मजबूत होते हैं।

निष्कर्ष

दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दर्शाता है। यह सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि खुशियों, समृद्धि, और अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है। चाहे पारंपरिक रूप से मनाया जाए या आधुनिक तरीके से, दिवाली का त्योहार हर वर्ष एक नया उल्लास और नई उमंग लेकर आता है, जो जीवन को उज्जवल और खुशहाल बनाता है।

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