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क्या हुआ जब ब्राह्मणो ने बाबा नामदेव को मंदिर से बहार कर दिया|

narayan

एक बार की बात है जब संत सिरोमनि बाबा नामदेव जी नारायण के मंदिर में भजन गाने एवं पूजा करने गए। तब उस मंदिर के पुजारिओं ने उन्हें मंदिर से बहार निकल दिया क्योंकि वह छोटी जाती से थे| जब उनके साथ ऐसा हुआ तो वह मंदिर के पीछे जा कर और वह बैठ कर नारायण के भजन गाने लग गए। जब एक बड़ी घटना घटि। नारायण ने पुरे मंदिर को मोड़ के बाबा नामदेव जी के समुख कर दिया। और उनके भजन सुनने लगे और उन्हें दर्शन दिए|
इसी ही बात को खुद बाबा नामदेव जी की बानी से सुनिए जो धन श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के अंग ११६४ में लिखी है:

हसत खेलत तेरे देहुरे आइआ ॥

हे ईश्वर ! खुशी-खुशी झूमता हुआ तेरे मन्दिर में दर्शनों के लिए आया था।

Laughing and playing, I came to Your Temple, O Lord.

भगति करत नामा पकरि उठाइआ ॥१॥

लेकिन यह नामदेव जब भक्ति करने बैठा तो वहाँ के ब्राह्मण-पुजारियों ने इसे पकड़ कर उठा दिया॥१॥

While Naam Dayv was worshipping, he was grabbed and driven out. ||1||

हीनड़ी जाति मेरी जादिम राइआ ॥

हे गोविन्द ! मेरे साथ ऐसा दुर्व्यवहार हुआ, मेरी जाति छोटी है,

I am of a low social class, O Lord;

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छीपे के जनमि काहे कउ आइआ ॥१॥ रहाउ ॥

तो फिर भला मेरा छीपी जाति में क्योंकर जन्म हुआ॥१॥

Why was I born into a family of fabric dyers? ||1|| Pause ||

लै कमली चलिओ पलटाइ ॥

मैं अपनी चादर लेकर पीछे चला गया और

I picked up my blanket and went back,

देहुरै पाछै बैठा जाइ ॥२॥

मन्दिर के पीछे भक्ति के लिए जाकर बैठ गया॥२॥

To sit behind the temple. ||2||

जिउ जिउ नामा हरि गुण उचरै ॥

ज्यों ज्यों नामदेव परमात्मा के गुणों का उच्चारण करने लगा,

As Naam Dayv uttered the Glorious Praises of the Lord,

भगत जनां कउ देहुरा फिरै ॥३॥६॥

भक्तजनों का मन्दिर घूम गया (अर्थात् मन्दिर का द्वार घूमकर उनके सन्मुख आ गया)॥३॥६॥

The temple turned around to face the Lord’s humble devotee. ||3||6||

इस अद्भुत कथा को सुन कर आपको कैसा लगा कमेंट में जरूर बताये

jai shri narayan!

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