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कैसे हुए बाबा नामदेव जी को नारायण के दर्शन

एक समय की बात है, बाबा नामदेव जी के पिता को किसी काम से बहार जाना पड़ा। उनके बहार जाने के कारन उन्होंने भगवन नारायण जिन्हे महाराष्ट्र में भगवन विठल भी कहते है। उनको भोग लगाने की सेवा बालक बाबा नामदेव को देदी| फिर जो आगे हुआ वह स्वयं बाबा नामदेव जी की बानी से जानिए जो धन श्री गुरु ग्रन्थ साहिब महाराज के ११६३ अंग में है :

दूधु कटोरै गडवै पानी ॥

लोटे में पानी लेकर नामदेव ने कपिला गाय को दुहा और

A cup of milk and a jug of water is brought to family god,

कपल गाइ नामै दुहि आनी ॥१॥

कटोरे में दूध डालकर मन्दिर में ले आया॥१॥

by Naam Dayv, after milking the brown cow. ||1||

दूधु पीउ गोबिंदे राइ ॥

उसने प्रेमपूर्वक विनती की, हे गोविन्द ! दूध पी लो,

“Please drink this milk, O my Sovereign Lord God.

दूधु पीउ मेरो मनु पतीआइ ॥

पुनः प्रार्थना की, दूध पी लो, मेरा मन प्रसन्न हो जाएगा,

Drink this milk and my mind will be happy.

नाही त घर को बापु रिसाइ ॥१॥ रहाउ ॥

यदि तूने दुग्धपान न किया तो घर में पिता जी मुझसे नाराज हो जाएंगे॥१॥ रहाउ॥

Otherwise, my father will be angry with me.”” ||1|| Pause ||

सोइन कटोरी अम्रित भरी ॥

सोने की कटोरी अमृतमय दूध से भरकर

Taking the golden cup, Naam Dayv filled it with the ambrosial milk,

लै नामै हरि आगै धरी ॥२॥

नामदेव ने भगवान की प्रतिमा के समक्ष रख दी॥२॥

And placed it before the Lord. ||2||

एकु भगतु मेरे हिरदे बसै ॥

केवल एक तेरे जैसा भक्त ही मेरे हृदय में बसता है,”

This one devotee abides within my heart,

नामे देखि नराइनु हसै ॥३॥

नामदेव की श्रद्धा को देखकर ईश्वर ने मुस्कुराते हुए कहा॥३॥

the Lord looked upon Naam Dayv and smiled. ||3||

दूधु पीआइ भगतु घरि गइआ ॥

इस तरह भक्त नामदेव भगवान को दूध पिलाकर घर वापिस आ गया और

The Lord drank the milk, and the devotee returned home.

नामे हरि का दरसनु भइआ ॥४॥३॥

उसे भगवान का दर्शन प्राप्त हो गया॥४॥३॥

Thus did Naam Dayv come to receive the Blessed Vision of the Lord’s Darshan. ||4||3||

उन्हें भगवन श्री नारायण जी के दर्शन हो गए। ऐसे अध्भुत कथा को पढ़ कर आपके मन में जो भाव आये उसे जरूर बताये।

क्या हुआ जब ब्राह्मणो ने बाबा नामदेव को मंदिर से बहार कर दिया|


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